Month: December 2005

  • अनुगूंज १६: (अति) आदर्शवादी संस्कार सही या गलत?

    स्वामी जी बढ़िया रहे। इस विषय पर उन की प्रविष्टि पहले आई, और अनुगूँज बाद में घोषित हुई। यह तो वही हुआ कि जो आप ने पहले ही पढ़ा है उसी पर आप को डिग्री दी जाएगी। फिर खानापूर्ति के लिए एक और प्रविष्टि लिख दी, जिस पर अनूप भाई ने कंजूसी का आरोप सही…

  • इंडिक ब्लॉगर अवार्ड्स

    चिट्ठाकार बन्धुओ, अपनी क्वर्टियों पर धार लगा लो — आप का अपना “इंडिक ब्लॉगर अवार्ड्स” आ रहा है। क्वर्टी…? वह क्या होती है? QWERTY, बुद्धू … यानी कीबोर्ड — अब कलम पर धार लगाने को तो कहेंगे नहीं। कलम की जगह कीबोर्ड ने ले ली है, इसलिए कहा गया है “Qwerty is mightier than the…

  • चेन खुली कि मेल खुली कि “ब्रेक द चेन”

    इस पोस्ट का शीर्षक अटपटा ज़रूर है, पर मैं ने इसलिए रखा कि मुझे अच्छा लगा। सही शीर्षक हो सकता था – “फॉरवर्ड करने से पहले सोचें”। या “ज़ोर लगा कर ब्रेक द चेन”। बचपन से ही मैं चेन-मेल देखता आया हूँ और हमेशा से ही इस से नफरत करता आया हूँ। मुझे याद है…