Month: August 2005

  • एक भारतीय यहूदी

    सर्व-धर्म-सम्भव और सर्व-धर्म-समभाव वाले भारत में आप कितने यहूदियों को जानते हैं, और उन के बारे में कितना जानते हैं? उन के रस्मोरिवाज के बारे में कितना जानते हैं? उदाहरण के लिए क्या आप जानते हैं कि वे भी मुसलमानों की तरह खतना करते हैं? हाल ही में मैं ने “मिस्टर ऍण्ड मिसेज़ अइयर” देखी,…

  • अन्त्येष्टि में ज़रूर जाओ

    नेश्‍नल पब्लिक रेडियो पर आजकल एक बहुत अच्छी शृंखला चल रही है – “दिस आइ बिलीव“। इस में श्रोता अपनी विचारधारा के ऊपर एक छोटा सा निबन्ध लिखते हैं, और चयनित निबन्धों को रेडियो पर प्रसारित किया जाता है। इस में सुने गए विचार कई बार मन को छू लेते हैं। हाल ही में सुना…

  • लोरेम इप्सम, यानी बेमतलब मसौदा, अब हिन्दी में

    लोरेम इप्सम, यानी बेमतलब मसौदा, अब हिन्दी में

    यदि आप ने पावर-पॉइंट या अन्य कई प्रेज़ेंटेशन या डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयरों पर काम किया होगा तो आप ने “Lorem Ipsum” शब्द कई बार देखे होंगे। इस के साथ कई बार पैरा भर लैटिन जैसा मसौदा भी देखा होगा। कुछ इस तरह Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt…

  • मिले सुर मेरा तुम्हारा

    मिले सुर मेरा तुम्हारा

    इस स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर प्रस्तुत हैं बहुभाषीय एकता गीत “मिले सुर मेरा तुम्हारा” के बोल। इस गीत को हम सब ने दूरदर्शन पर देखा सुना होगा, पर बोल प्रायः हमें उन्हीं भागों के आते हैं जो हमारी जानी-पहचाही भाषाओं में हैं। हिन्दी-फोरम याहूग्रुप पर मैंने पिछले वर्ष एक वार्ता-सूत्र आरंभ किया था, इस…

  • दरबदर हैं हम भी

    भई जब सभी अपनी घुमक्कड़ी की दास्तान सुना रहे हैं तो हम ने सोचा हम भी देखें हमारा नक्शा कैसा दिखता है। इसलिए तीनों नक्शे बना कर यहाँ ड़ाल दिए हैं। देशों और राज्यों की बदलती सीमाओं के चलते कुछ प्रश्न उभरे यदि आप झारखंड, उत्तरांचल या छत्तीसगढ़ के शहरों में तब गए हैं जब…